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ब्यावर में सूचना के अधिकार के राष्ट्र्ीय अधिवेशन के सुअवसर पर
   



रणबांकुरे रावत मेहरात चीता काठात के मगरा मेवाड़ मारवाड़ की इस क्रान्तिकारी भूमि पर बाहर से पधारे हुए सभी सम्माननीय आगन्तुकगण का स्वागत है। 
  
ब्यावर ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में भी राजपूताना में ही नहीं अपितु भारतवर्ष में अग्रहणी भूमिका निभायी है। जनचेतना उज्जवलित करने में सदैव प्रथम पंक्ति में खड़ा रहा हैं। सूचना प्राप्त करने के अधिकार के आन्दोलन का सूत्रपात भी ब्यावर की इस क्रान्तिकारी भूमि से ही हुआ है। की गौरवपूर्ण अन्तर्राष्ट्र्ीय मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित माननीय अरूणारायजी ने इसी भूमि से इस अधिकार को पाने के आन्दोलन का सूत्रपात एवं सफल संचालन किया है और इसी कारण कई राज्य-सरकारों ने इस विषय का कानून बनाकर यह अधिकार जनता को प्रदान कर दिया है और केन्द्र-सरकार भी सूचना देने के अधिकार को कानून बनाये जाने की सोच रही है। अतः इस अधूरे कार्य को आज के राष्ट्र्ीय अधिवेशन के इस मंच से सम्बल मिलेगा।
  
इसी कड़ी के अन्तर्गत श्यामजी कृष्ण वर्मा, तिलक युग के राणाप्रताप राष्ट्र्वर खरवा नरेश गोपालसिंहजी, भामाशाह दानवीर सेठ दामोदरदासजी राठी, स्वामी कुमारानन्दजी, सेठ घीसूलालजी जाजोदिया, अर्जूनलालजी सेठी, विजयसिंहजी पथिक की यह कर्म भूमि आप सब को प्रणाम करती हैं। अरविन्द घोष, स्वामी दयानन्द, रासबिहारी बोस, तात्याॅं टोपे, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह की प्रेरणामयी ब्यावर की पावन भूमि आप सब को सूचना के अधिकार को पाने के लिए सूचना के अधिकार के अलख को घर घर पहुॅंचाने के लिए आज इस राष्ट्र्ीय सम्मेलन में आहावान करती है। सूचना के अधिकार को पाने का हमारा अपना अधिकार हैं। 


  
सभ्रान्त वृन्दगण ब्रिटिश शासनकाल ब्यावर क्षेत्र मेरवाड़ा राज्य की स्वतन्त्र राजधानी हुआ करती थी। अजमेर राज्य में मेरवाड़ा के विलय हो जाने पर ब्यावर अजमेर मेरवाड़ा राज्य का जिला हुआ करता था। तत्पश्चात अजमेर राज्य का राजस्थान प्रदेश में 1 नवम्बर सन् 1956 ई. में विलय हो जाने के बाद ब्यावर आज प्रदेश के 150 उपखण्डों में सबसे बड़ा उपखण्ड है जहाॅं जिला स्तर के समकक्ष सभी सरकारी कार्यालय कार्यरत है। सिवाय जिलाधीश कार्यालय, पुलिस अधिक्षक कार्यालय और जिला सत्र न्यायालय के। 
  
वर्तमान में ब्यावर में जिला मुख्यालय बनाये जाने की सभी सुविधाऐं मौजूद है। सरकार पर कोई विशेष वित्तिय भार इसको अलग से जिला बनाये जाने पर नहीं पडेेगा। इस सबडिवीजन का क्षेत्रफल 1769 वर्ग किलोमीटर है। ब्यावर तहसील के साथ बदनोर, भीम, रायपुर, जैतारण, भिनाय, गुलाबपुरा तहसीलेें लगती है। मसूदा, विजयनगर व टाटगढ़ तहसील ब्यावर क्षेत्र में आती हैं। रायपुर, जैतारण, भीम और बदनोर की जनता ब्यावर को जिला बनाये जाने पर ब्यावर क्षेत्र में आने को तैयार है। ब्यावर राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक, व्यापारिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक इत्यादि सब दृष्टि से उन्नत एवं सक्षम है। ब्यावर क्षेत्र वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार को भरपूर राजस्व सालाना प्रदान कर रहा है। फिर भी अभी तक सभी दृष्टि से सक्षम होते हुऐ भी ब्यावर को जिला नहीं बनाये गया है।

 
वर्तमान में ब्यावर 70 ग्राम पंचायतें है। शिक्षा का उन्नत केन्द्र है। रूई, कपास, उन एवं अनाज की उन्नत मण्डी है। मुद्रा विनिमय एवं साख का बड़ा बाजार है। जहाॅ अनेक सरकारी एवं गैरसरकारी वित्तीय संस्थाएं कार्यरत है। प्रदेश के केन्द्र में स्थित होने के कारण ब्यावर में आवागमन व दूरसंचार के द्रूत साधन मौजूद है तथा ब्यावर नगर की जनसंख्या के अनुरूप मानव श्रम ईकाई भी कल-कारखानों के लिए प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कृषि कार्य एवं पशुपालन के साथ-साथ खनिज-सम्पदा भी यहाॅं प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। 
  
अतः ब्यावर को अगर जिला बनाया जाता है। तो इस क्षेत्र विकास और भी त्वरित गति से होगा और यह क्षेत्र भविष्य में राज्य सरकार के राजस्व में कीर्तिमान स्थापित कर सकेगा।

 

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