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अब तक ब्यावर को जिला क्यों नहीं बनाये जाने का मुख्य कारण?
सम सामयिक लेख - वासुदेव मंगल
राजस्थान सरकार ब्यावर को जिला बनाना नहीं चाहती है तो ना बनाये परन्तु नया नगर के नाम से जनता को गुमराह क्यों कर रही है?
जिस क्षेत्र का नाम ब्रिटिश सरकार द्वारा ब्यावर नाम 164 साल 2 महीने पहले 1 दिसम्बर सन् 1858 में रखकर 31 जनवरी सन् 2023 तक समस्त इतर कार्य सारी दुनियां के सामने सम्पादित किये जाते रहे हैं उसके बारे में अब क्या भ्रान्ति रह जाती है?
यहां पर यह स्पष्टीकरण करना भी अत्यन्त आवश्यक हो गया है कि 1 नवम्बर सन् 1956 में भी हमारी चुनी हुई तत्कालिन सरकार ने ही वादा खिलाफी कर अजमेर को तो अजमेर में पानी की कमी होना बताकर राजधानी से महरूम किया और ब्यावर को जिला बनाने से महरूम किया।
इस साजिश के पीछे चाल यह थी कि उस समय जयपुर महाराज सवाई मानसिंहजी द्वितीय जो राजप्रमुख थे, 1 नवम्बर 1956 को राजप्रमुख का पद समाप्त होने के कारण जयपुर राजधानी से वंचित होने के कारण चिन्तित हो रहे थे को खुश करने के लिये सुखाड़ियाजी तत्कालिन राजस्थान प्रदेश के मुख्य मन्त्री ने जयपुर को ही राजधानी बरकरार रखने के लिये यह चाल चली। सुखाड़ियाजी अपनी इस साजिश में कामयाब हुए।
परन्तु अजमेर मेरवाड़ा की जनता की नजरों में यह सरकार हमेशा के लिये गिर गई। अतः अजमेर राजस्थान की राजधानी नहीं बन सका और न ही, तब से ब्यावर राजस्थान राज्य का जिला बन सका। असली बात तो यह है जिसके तहत् सरकार अपनी साख बचाने के लिये तब से मन गड़न्त शिफुगे छोड़ रही हैं। सही बात से जनता को रूबरू नहीं करा रही है।
ब्यावर तो सरकार के रेकार्ड में सन् 1952 से ही जिला का दर्जा प्राप्त किये हुए रहा। इस बात का ज्वलन्त प्रमाण रहा है कि ब्यावर में सन् 1952 से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य का जिला कार्यालय लगातार 53 साल तक सन् 2005 तक संचालित होता रहा।
सन् 2006 में भी तत्कालिन भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक श्री देवीशंकर भूतड़ा ने जोर जबरदस्ती कर इस कार्यालय को जबरिया ब्यावर से अजमेर स्थनान्तरित करवा दिया जबकि ब्यावर के साथ ही चुरू जिले का यह कार्यालय आज भी रतनगढ़ में कार्यरत है जो एक अपवाद बना हुआ है।
तो यह जाश्ती तो राजस्थान राज्य सरकार की ब्यावर की जनता के साथ ना ईन्साफी की हो रही है कि केन्द्रिय और राज्य सरकारों द्वारा तात्कालिन नीतिगत फैसले को मात्र तत्कालीन राजप्रमुख को तुष्टीकरण से खुश करने के लिये आज भी ब्यावर की जनता के साथ अन्याय हो रहा है।
अतः अब इस प्रकरण में स्पष्टीकरण दे दिया गया है तो अब तो राज्य सरकार ब्यावर की जनता के साथ न्याय कर अपनी गल्ती को दुरूस्त करे ब्यावर को आने वाली 10 फरवरी 2023 को राज्य बजट में जिला बनाये जाने की घोषणा करके।
अगर ब्यावर 10 फरवरी 2023 को राज्य सरकार द्वारा जिला घोषित कर दिया जाता है तो लेखक की ब्यावर की जनता को ढे़र सारी बधाई के साथ-साथ राज्य सरकार का भी अग्रिम में आभार और धन्यवाद।
 
 

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