ब्यावर के पत्र - प्रेस


पुस्तकालय एवं वाचनालय 


 रचनाकारः वासुदेव मंगल  
1. सन् 1860 में चिन्तूराम ने मिशन पे्रस की स्थापना की। यह प्रेस राजपूताना में सबसे पहीला प्रेस था जिसमें लीथो स्याही से प्रिन्टिंग की जाती थी। इस प्रेस में राजपूताना गजेटीयर छपता था। अतः प्रिन्टिंग पे्रस की स्थापना ब्यावर से ही आरम्भ हुई।
2. दामोदर वाचनालय का उद्घाटन गौरीशंकर भार्गव अजमेर ने किया। सन् 1935 में।
3. श्रीमति महिमा देवती किंकर /धर्मपत्नि श्री हरिभाई किंकर/ ने अपने पति के साथ राजपूताना गश्ती पुस्तकालय को गाॅंवों में चलाया।
4. सन् 1929 में पण्डित मुकुटबिहारीलाल भार्गव ने यंग राजस्थान पत्र का उद्घाटन किया और सरस्वती सदन पुस्तकालय की अध्यक्षता की।


5. सन् 1931-1933 तक घीसूलालजी जाजोदिया की फतेहपूरिया बाजार स्थित हवेली की दुकान के उपर वाले कमरे में - हिन्दी साहित्य समिति, श्यामजी कृष्ण वर्मा पुस्तकालय व अर्जुनलाल सेठी वाचनालय सन् 1950 में रहा।
6. हरिप्रसादजी अग्र्रवाल सन् 1933 में हरि पुस्तकालय, सन् 1943 में साहित्य निकेतन व सन् 1948 में सुभाष सदन के संस्थापक रहे।
7. श्यामजी कृष्ण वर्मा ने सन् 1913 में अजमेर में राजपूताना प्रिन्टिंग पे्रस की स्थापना की।
8. बाबु चैथमल जी ने तिलक लाइबे्ररी की स्थापना 20वीं सदी के पहिले दशक में ही कर दी थी। राष्ट्रीय क्रान्ति साहित्य का प्रचार करने वाली ब्यावर की यह पहिली राष्ट्रीयशाला थी। आप अर्जूनलाल सेठी राष्ट्रीय ग्रन्थमाला, मंगलपांडे चित्रशाला व प्रताप प्रकाशन के अध्यक्ष रहे।
9. हरिभाउ उपाध्याय त्याग भूमि पत्र निकालते थे।

Copyright 2002 beawarhistory.com All Rights Reserved