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‘‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे से.......

✍वासुदेव मंगल की कलम से.......  ब्यावर सिटी (राज.)
छायाकार - प्रवीण मंगल (मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर)

 

7 अगस्त 2024 को ब्यावर जिले का पहला स्थापना दिवस
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आलेख: वासुदेव मंगल, स्वतन्त्र लेखक, ब्यावर
लेखक ‘‘ब्यावर अतीत का गौरव’’ मेरवाड़ा बफर स्टेट ब्यावर की स्थापना से लिखते हुए अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं कि यह वही ब्यावर धरा है जो अतीत में ट्रेड एण्ड कॉमर्स में विकसित होने के साथ साथ भारत की जंग आजादी का गढ़ रहा है।
लेखक को यह लिखते हुए बड़ा फक्र हो रहा है कि आजादी के अमृत महोत्सव (प्लेटीनम जुबली) काल में राज्य सरकार ने भले ही देर से ही सही परन्तु 7 अगस्त सन् 2023 को ब्यावर को जिले का हक देकर एक बार फिर से ब्यावर को विकास के पंख लगाए है और ब्यावर को विकास करने की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
ब्यावर स्थापना से अंग्रेजीकाल में ट्रेड एण्ड कॉमर्स मे ‘राजपूताना का मेनचेस्टर’ कहलाता रहा है सन् 1838 ई० से लगातार स्वतन्त्रता प्राप्ति तक परन्तु कहते हैं न कि निरन्तरता नियती को मन्जूर नहीं थी इसलिये स्वतन्त्रता प्राप्ति के साथ साथ ब्यावर के अतीत के व्यापार और उद्योग पर विराम लगा दिया गया। समय भी परिवर्तनशील होता है ज्योंही ब्यावर मेरवाड़ा को राजस्थान प्रदेश में मिलाया गया सन् 1956 ई0 से इसकी अवनति आरम्भ हुई।
तात्पर्य यह है स्थान विशेष का समय भी बदलता रहता है समय के साथ साथ यह वह ही ब्यावर घरा है जो सन् 1838 से 1955 तक लगातार 118 साल तक ऊन, रुई, बुलियन व अनाज के व्यापार के साथ साथ कॉटन प्रेस व क्लोथ मिल्स उद्योग में एपेक्सपियर (शिखर) रहा है। फिर इसमें सन् 1956 से सन् 2022 तक लगातार 67 (सड़सठ )साल तक ब्यावर के व्यापार उद्योग का अवनति काल रहा।
इस प्रकार प्रथम पायदान 118 साल आरोही क्रम विकास का काल रहा ब्यावर का और द्वितीय पायदान 67 साल अवरोही अर्थात् अवनतिकाल रहा ब्यावर का स्थापना सन् 1838 से लेकर 2022 तक 185 साल तक का समय।
अब तीसरी पायदान पुनः एक बार सन 2023 की साल का 7 अगस्त का दिन ब्यावर बफर स्टेट लेवल तक अपग्रेड होकर मात्र एक तहसील तक का सब डिवीजन तक डिग्रेड होकर 2022 में रह गया था।
परन्तु 7 अगस्त 2023 को पुनः एक बार ब्यावर धरा पर आशा की किरण प्रस्फुटित हुई है कि इस दिन ब्यावर राजनीति धरा में पुनः एकबार राजस्थान प्रदेश मे सब डिविजन से डिस्ट्रिक लेवल पर अपग्रेड हुआ है। इस बात को आज एक साल पूरा हुआ है अतः ब्यावर जिला अपनी जिला स्थापना का एक साल का स्थापना दिवस मना रहा है
बड़ी खुशी है कि इस खुशी के मौके पर ब्यावर जिले के सभी निवासियों को लेखक की बहुत बहुत बधाई। लेखक इस मौके पर ब्यावर जिले के विकास के बारे में अपने हृदय के उदगार प्रेषित कर रहे हैं जो उनके अपने है। शासन, प्रशासन को समझ में आवे तो तदनुसार अमल करें। लेखक के सुझाव मात्र हैः-
1. ब्यावर बफर स्टेट की स्थापना से ही इसका ट्रेड (व्यापार) और उद्योग (इण्डस्ट्री) आर्चीटक्ट बेसिस पर हुआ जो उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वाध से ही फ्लोरिश रहा कारण ब्यावर ट्रेड एण्ड कॉमर्स का रोड एण्ड रेल्वे रूट्स का ट्रेड कामोडीटीज,् ट्रान्सपोर्टेशन मारवाड, मेवाड़, मेवात, हाडोली, ढूंढार राज्यों को केन्द्रिय स्थल रहा है जिसका फायदा अब जिले के रूप में पुनः एक बार मिल सकता है।
2. यहाँ पर वन सम्पदा प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है जिसका वैज्ञानिक तरीके से दोहन कर एम. एस. एम. ई. (सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग) के जरिये देश के नवयुवकों को अपरिमित रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।
3. इस जिले में चारों ओर दूर दूर तक अनेक प्रकार सर्वाेत्तम किस्म के खनिज पदार्थ दबे भरे पड़े है जिनका दोहन वैज्ञानिक तरीके से कर अनेक तरह की इन्स्ट्रीज लगाई जा सकती हैं जिससे रोजगार की समस्या हल हो सकती है। उदाहरण के तौर पर जैसे स्थानीय नागरिकों को जिप्सम से सिमेण्ट फैल्स पार से सिरेमिक उद्योग एण्ड प्रीसीयस ग्रेनाईट स्टोन से स्टोन मार्ट का ट्रेड फ्लोरिश किया जा सकता है।
अब इन आधारभूत उद्योगो के लिये एवं व्यापार के लिये इस जिले में निवेश, स्किल्ड लेबर इत्यादि मार्केट, पॉवर, गैस सब उपलब्ध है। मात्र आवश्यकता है केन्द्र और राज्य सरकार के इन्सेन्टिव की।
अब अगर सरकार को ब्यावर जिले का समुचित तरीके से आर्चीटेक्ट बेसिस पर विस्तार करना है तो यहाँ पर उपरोक्त वर्णित व्यापारिक औद्यौगिक सुविधाओं के साथ साथ योजनाबद्ध तरीके से सबसे पहिले नगर सुधार न्यास का दफ्तर खोला जाना अत्यन्त आवश्यक है शहर के सुन्दर विस्तार के साथ सिटी ट्रान्सपोर्ट की सुविधा जरुरी है। अब जब विकास ही किये जाने का ध्येय है तो ब्यावर जिले में जिला अस्पताल, मेडीकल, इंजिनियरिंग व लॉ कॉलेज होने भी जरूरी है पैसेन्जर गुड्स के परिवहन की सुविधा ब्यावर जिले के सघन और सर्वागीण विकास के लिये होनी चाहिए।
अतः सरकार को इन सुझावों पर अमल कर ब्यावर जिले का चहुँमुखी विकास करने की निरन्तर विकास योजना अमल में लानी चाहिये।
देखते हैं, जिले के एक साल पूरे होन पर कितना विकास हो पाता है यह तो भविष्य ही बतायेगा लेकिन सिस्टम अगर विकास की सोच ले तो कोई भी काम असम्भव नहीं है मात्र उत्साह जागृत करने की आवश्यकता है सिस्टम को मोटीवेटेड करने की जरूरत है। ब्यावर का ट्रेड एण्ड कॉमर्स का कल्चर और ट्रेण्ड उन्नत है। मार्केट क्रिएटिव है। स्टेवेलिटी है। यहाँ पर मनी मार्केट के लिये सभी प्रकार के बैंकर्स है। स्टोरेज, गोदामों की, मण्डी की सुविधाएं पहिले से ही उपलब्ध है।
यह सरकार को लेखक के सुझावों पर ब्यौरेवार रचनात्मक रूख अमल में लाना चाहिये। यहां पर कम से कम दस बारह इण्डस्ट्रियल एरिया कार्यरत है।
एक बार ब्यावर जिले की जनता को जिले के स्थापना दिवस पर लेखक पुनः बधाई। भौगोलिक दृष्टि से ब्यावर जिला राजस्थान प्रदेश की हृदयस्थली है अर्थात राजस्थान के बीचोंबीच बसा जिला है जहाँ से राजस्थान स्टेट की चारों दिशाऐं समान दूरी पर स्थित है। नैसर्गिक, भौगोलिक, भूगर्भिय दृष्टि से व्यापारिक, औद्यौगिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, शिक्षा, स्वास्थ्य सभी प्रकार से विकास का सोपन है। पर्यटन, पर्यावरण, धार्मिक सभी प्रकार की संगम स्थली है। परिवहन व्यापार की सेवाएं चौबिसो घण्टे उपलब्ध रहती है। अतः ब्यावर जिले का विकास ध्रूत त्वरित गति से होकर केन्द्र और राज्य सरकार को भरपूर राजस्व प्रदान करने का यथोचित जिला है ब्यावर। भारत देश के विकास में ब्यावर जिला रीढ़ का काम करने की क्षमता रखता है। वाजिब जानकर लिखा है सरकार को इस जिले के साधनों का उपयोग करना चाहिए। जिससे जिले के साथ -साथ प्रदेश का और देश का दु्रत गति से विकास हो सके।
07.08.2024
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इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
CAIIB (1975) - Retd. Banker
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