‘‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे
से.......
✍वासुदेव मंगल की कलम से.......
छायाकार - प्रवीण मंगल (मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर)
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भौतिक विज्ञान में अपना करिष्माई
आविष्कार करने वाला सौरभ मंगल
ब्यावर के होनहार युवा शक्शीयत सौरभ मंगल को परिजन की ढे़र सारी बधाई
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सौरभ मंगल ने अपनी तीव्र लगन और ग्यारह साल की अथक मेहनत से जो यह
चमत्कृत अविष्कार किया है वास्तव में दुनियाँ को लाभान्वित करने वाला
शोध होगा जिसको इण्डियन इंस्ट्टियुट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (चैन्नई) और
भारत सरकार के प्रतिष्ठान डिफन्स रिसर्च डेवपलपमेण्ट आर्गेनाईजेशन दोनों
संस्थाओं ने प्रमाणित किया है।
भारत देश के लिये यह फक्र की बात है कि उसके देश के युवा वैज्ञानिक ने
अपने शोध से हाल ही सम्पन्न हुई सकाटलैण्ड की अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान
कॉफ्रेन्स में अपना शोध-पत्र सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया।
दुनियां के सो वैज्ञानिकों के समक्ष उच्च तापमान पर निकल आधारित
सुपरएलोय के लाइफ एसेसमेण्ट पर सौरभ मंगल ने अपना विजन भी पेश किया।
यह भी एक संयोग ही है कि ग्रेट ब्रिटेन के स्काटलैण्ड की केपीटल
एडिनबर्ग में कान्फ्रेन्स का यह संयोजन हुआ जो ब्यावर के संस्थपक कर्नल
चार्ल्स जॉर्ज डिक्सन का गृहनगर है और ब्यावर का होनहार युवा शोधार्थी
सौरभ मंगल भी ब्यावर वासुदेव मंगल के संयुक्त परिवार की तीसरी पिढ़ी का
सदस्य है जो चैन्नई आई आई टी की पढाई कर रहा है।
वास्तव में यह श्रेय सौरभ के गुरूजनों के मार्गदर्शन से ही सम्भव हो सका
है जिन्हों की प्रेरणा से सौरभ यह करिश्मा कर सका।
परिवार के सभी सदस्य सौरभ की इस कामयाबी पर गौरवान्वित महसूस कर रहे।
भगवान सौरभ को जिन्दगी में यों ही दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की प्रदान
करता रहे जिससे वह अपनी, अपने परिवार की, अपने नगर की, अपने जिले,
प्रदेश व देश की कीर्ति दुनियाँ में रोशन अपनी प्रतिभा से करता रहे।
सौरभ को ढ़ेर सारी बधाई की कामना के साथ उसके उज्जवल भविष्य की कामना के
साथ मंगल परिवार के सभी सदस्य।
सौरभ मंगल ब्यावर शहर के इतिहासकार वासुदेव मंगल का पोता - फोटो
जर्नलिस्ट प्रवीण मंगल का पुत्र और केबीसी विनर अरूण मंगल का भतीजा है। |
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