ब्यावर के एक जागरूक नागरिक वासुदेव मंगल फ्री लान्सर का अभिकथन राज्य
सरकार के मुख्यमन्त्री जी से.....
ब्यावर को जिला बनाने की मांग तो सड़सठ साल से राज्य सरकार के पास
लम्बित है.... अब कौनसी रिपोर्ट का सरकार को इन्तजार है? कृपया ब्यावर
को अविलम्ब जिला घोषित किया जावे आने वाली 17 मार्च 2023 को बजट की
अनुदान की पूरक मांगों का जवाब देते वक्त मुख्यमन्त्री जी को ब्यावर के
जिले की घोषणा कर देनी चाहिये।
सन् 1953 में गठित उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश माननीय
फजल ईलाही की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यी राज्य पुर्न्गठन आयोग द्वारा
सन् 1955 में तीन सदस्ययी आयोग- फजल ईलाही, हृदयानाथ कुन्जरू व एन. एम.
पन्नीकर केन्द्र सरकार को रिपोर्ट सौंपकर ब्यावर को जिला बनाने की
सर्वसम्मति से सिफारिश की गई थी।
दूसरी इसकी समीक्षा समिति तत्कालिन केन्द्रिय गृह मन्त्री माननीय
गोविन्द वल्लभ पन्त की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों वाली समिति ने भी
सर्वसम्मति से ब्यावर को व्यापारिक महत्वपूर्ण केन्द्र होने कारण जिला
बनाने की सिफारिश का अनुमोदन कर दिया था।
ब्यावर को जिला बनाने की उपरोक्त प्रासिडिंग अभी भी सड़सठ साल से पूर्ण
नहीं की गई। अतः उपरोक्त प्रोसिडिंग को ध्यान में रखते हुए माननीय
मुख्यमन्त्री जी को ब्यावर को जिले का हक तुरन्त घोषित कर देना चाहिये
उस समय की ही ब्यावर क्षेत्र की राजनैतिक परिस्थिति को ध्यान में रखते
हुए।
श्रीमान् उस समय की परिस्थिति आज भी ब्यावर को जिला बनाने के अनुकूल है
अर्थात् ब्यावर-मसूदा-टाटगढ़-भीम-बदनोर और बिजयनगर ये सब परगने उस समय
भी ब्यावर जिले में शामिल थे।
अगर पुनः इनको आज ब्यावर जिले में सम्मिलित कर दिया जाता है इनको किसी
को भी कोई एतराज नहीं होगा।
यह तो मात्र पुनः ब्यावर जिले का पुन्गर्ठन हो रहा है। वाजिब जानकर
ब्यावर क्षेत्र की जनता की आवाज का सम्मान करते हुए ब्यावर की सड़सठ साल
पहीले की यह अधूरी मांग पूर्ण कर ब्यावर की जनता को उनका हक जो उस समय
अधूरा रख दिया था पूरी करेंगे।
इसमें राज्य सरकार को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पडे़गा। मात्र तीन
कार्यालयों को क्रमोन्नत करना पडे़गा पहीला - सब डिविजन कार्यालय को
जिला कार्यालय, दूसरा उप अधीक्षक पुलिस कार्यालय को अधीक्षक कार्यालय
और अतिरिक्त उपजिला सत्र न्यायालय को जिला सत्र न्यायालय।
बस मात्र इस घोषणा से ही ब्यावर पुनः जिला राजस्थान का बन जायेगा जो
कोई समय अजमेर राज्य का जिला होता था और जिसे जबरिया 1 नवम्बर 1956 में
उपखण्ड बना दिया गया था।
अतः उस समय सरकार की अधूरी की गई कार्यवाही भी पूरी हो जोयगी और ब्यावर
क्षेत्र की जनता को उनका वाजिब हक मिल जाने से खुशी भी होगी और किसी को
कोई आपत्ति भी नहीं होगी। उस समय की अधूरी कार्यवाही भी पूरी हो जायेगी।
माननीय आप ही वर्तमान मेंं ऐसे मुख्यमन्त्री होगें जो इतनी पुरानी
क्षेत्र की मांग को पूरी करोगे ऐसी आपसे अपेक्षा है।
मात्र अधूरी मांग को पूरी करने की अपील।
इस लम्बित मांग को पूरी करने में न तो परमेश्वरन् कमेटी न ही सन्धू
समिति और न ही राम लुभाया कमेठी आडी आती है। जनता की यह मांग तो पुरानी
है जिसे पूरी करने की घोषणा मात्र होगी।
फर्क सिर्फ इतना ही होगा कि उस समय ब्यावर अजमेर राज्य का जिला होता था
और अब सड़सठ साल बाद उसी परिधि में राजस्थान प्रदेश का जिला कहलायेगा
जबकि सभी परिस्थिति उस समय की समानरूप से लागू होकर अपग्रेड हो जायेगी।
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