‘‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे से.......
✍वासुदेव मंगल की कलम से.......
छायाकार - प्रवीण मंगल (मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर)
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राजहठ की निरंकुशता
सम सामयिक लेख - वासुदेव मंगल |
घटना है 3 मार्च सन् 1967 की है। आज के ठीक 56 साल पहले
की। हुआ यूं कि 3 मार्च 67 में महारावल लक्ष्मणसिंहजी डूंगरपुर के
नेतृत्व में स्वतन्त्र पार्टी राजस्थान प्रदेश में गैर कांग्र्रेसी
सरकार बनाने जा रही थी।
सन् 1967 का चौथा आम चुनाव था। सन् 1954 में सुखाडिया की कांग्रेस
पार्टी चौथे आम चुनाव में बुरी तरह हार गई थी। श्री सुखाड़िया जी को
शासन का स्वाद जो लग चुका था।
स्वतन्त्र पार्टी का शपथ ग्रहण समारोह तय हो चुका था। बला, सुखाडियाजी
को यह सहन कैसे होता?
उन्होंने एक तरकीब चली। जयपुर में उन्होंने जंवरी बाजार और छोटी चौपड़
पर गोलियाँ चलवा दी। जयपुर का माहौल इतना खराब कर दिया कि स्वतन्त्र
पार्टी का बना बनाया खेल बिगाड़ दिया और जयपुर में राष्ट्रपति शासन लगवा
दिया। एक बारगी तो सब सक्ते में आ गए।
एक महीने में कांग्रेस पार्टी का बहुमत बनाकर, सुखाड़िया जी ने चौथी बार
लगातार पुनः सत्ता सम्हाली सन् 1967 में राजस्थान राज्य की आज से ठीक
56 साल पहले।
कहने का तात्पर्य यह है कि एक बार जब सत्ता का स्वाद लग जाता है तो वह
आसानी से छूठता नहीं है। चाहे विक्टिम कार्ड के जरिये ही सत्ता हासिल
करनी पडे़, राजनीति में सब जायज है।
लेखक को यह इसलिये जनता जनार्दन को बताना पड़ रहा है कि लोकतन्त्र में
ये जन सेवक, जन ट्रस्टी, कर्णधारों ने 1 नवम्बर 1956 को नीतिगत फैसले
के तहत हमारे इन रहनुमाओं ने अजमेर ‘स’ श्रेणी के राज्य को राजस्थान
प्रदेश में समाहित करते समय ब्यावर क्षेत्र की जनता के साथ धोखा करके
जिले की जगह किसी के तुष्टीकरण के कारण उपखण्ड बनाकर हमेशा हमेशा के
लिये अतीत में प्राप्त गौरवशाली विकास को मिट्टी में मिलाकर ब्यावर
क्षेत्र को बर्बाद कर दिया था इन्ही सुखाड़ियाजी मुख्यमन्त्री ने
तत्कालिन समय के लगभग 67 (सड़सठ) वर्ष पहीले। धन्य हो ऐसे जनता के सेवक।
क्या मिला सुखाड़ियाजी को ऐसा करके आज भी ब्यावर क्षेत्र की जनता, उनके
द्वारा ब्यावर की बर्बादी को आज भी भुगत रही है।
एक हमारे मुख्यमन्त्री जी भी आने वाले चौथे चुनाव में नवम्बर 2023 में
सुखाड़ियाजी की तरह ही चौका लगाने की सोच रहे है ब्यावर क्षेत्र की जनता
को जिले की सौगात का बजट में झूठाँ दिलासा देकर ब्यावर की जनता को भ्रम
में रख दिया और अब चौका लगाने जा रहे है।
समय बड़ा बलवान है ब्यावर की जनता यह ही देखना चाहती है कि क्या वर्तमान
मुख्यमन्त्री जी चौका लगा पाते है क नहीं नवम्बर के चुनाव में? ब्यावर
की जनता को उस समय का इन्तजार है।
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