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‘‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे से.......

✍वासुदेव मंगल की कलम से.......  ब्यावर सिटी (राज.)
छायाकार - प्रवीण मंगल (मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर)

 

रक्षा बन्धन के त्यौहार पर विशेष
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रक्षाबंधन का त्यौहार हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार राखी का उत्सव 19 अगस्त 2024 को बड़ी उमंग एवं जोश के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व भाई-बहिन की मिठी यादों का पुलिन्दा है जो भारतीय संस्कृति और परम्परा की अनोखी मिसाल है। भाई-बहिन यानि खुश रंग किस्सों का लेखन वाला उत्सव।
इस दिन भाई बहिन के दिल में बसता है धागे के अटूट बन्धन का पवित्र रिश्ता। इस दिन भाई-बहिन की यादें ताजा हो जाती है बचपन की। सबसे निराला नाता होता है भाई का बहिन की राखी का जोश। भाई-बहिन के रिश्ते की यह सुगन्ध उम्र के हर दौर को महकाती हैं। बचपन से लेकर युवा होने तक, साथ स्कूल जाने से लेकर बहन के विदा होने तक, एक-दूसरे से लड़ने से लेकर, एक-दूसरे के लिए लड़ने तक की असंख्य स्मृतियां संजोये राखी का पर्व आता है।
अतः रक्षा बन्धन का त्यौहार भाई बहन के पवित्र बन्धन को दर्शाता है, जिसमें बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बान्धती हैं यह धागा उसके स्नेह व सौहार्द को एक साथ जोड़ता है। इसके बदले में भाई अपने अपनी बहन के रक्षक के रूप में सदैव खड़ा होने, बहन की जीवन यात्रा में उसका मार्गदर्शन और समर्थन देने का वचन देता है और बहन भाई की लम्बी उम्र की प्रार्थना करती हैं यह ऐसा त्यौहार है जिसमें भाई-बहन एक अनूठा रिश्ता साझा करते है। यह प्रेम से भरपूर एक दूसरे के रहस्य को संजोये हुए पलों का मिश्रण होता हैं संयुक्त परिवार और बहुत सारे भाई बहन एक ही छत के नीचे खट्टे-मीठे पलों को सरलता से जीवन्त रखते है इस दिन।
भाई-बहन के जीवन में एक दूसरे का उतना ही महत्व है जितना व्यक्ति के लिए उसके जीवन में घर का होता हैं। भाई-बहन कितने ही बडे़ हो जाएं, मेल मुलाकात होते ही उनका बचपन पुनः जाग उठता है। इस त्यौहार में सिंगल चाईल्ड को परेशानी आती है।
अब जमाना बहुत बदल गया है। अब एकाकी परिवार होते है। उसमें भी जिस परिवार में सिंगल चाईल्ड होत है। वहां इस त्यौहार को देखकर सिंगल चाईल्ड को भाई या बहन न होने का दुख परेशान करने लगता है। दूसरों को राखी या तोहफे खरीदते देखकर मन विचलित होने लगता है। ऐसे अभिभावन अपने बच्चे के साथ खास समय बिताए अगर परिवार के सदस्य दूर रहते हैं तो उनके साथ वर्चुअल मीटिंग या काल करे। ई-कार्ड राखी को पोस्ट करे जिससे बच्चे का अपने परिवार से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। घर में हर्षोल्लास को माहौल बनाए। बच्चे की भावना के अनुसार घर को सजाए। बच्चे को स्क्रेप मुक्त या मेमोरी बॉक्स गिफ्ट करंे। अभिभावक अपने बच्चे को सेल्फ केयर या सेल्फ बाइन्डिंग के लिये प्रेरित करें। अपने बच्चे से गिफ्ट हेयर तैयार कराए उन हेयर को बच्चे के हाथ से बड़ो को या जरूरतमन्द बच्चों को दिलाएं। रक्षा बन्धन के दिन घर पर पार्टी का आयोजन कर सकते है। जिसमें उन दोस्तों का बुलाएं जिनके सिंगल चाईल्ड है।
उस दिन बहन भाई का या फिर भाई बहन का आने का बड़ी उत्सुकता से इन्तजार करते है। लेकिन डाक से भेजा जाने वाला रक्षा सूत्र इस इन्तजार को समाप्त कर देता है क्योंकि बहन भाई से या फिर भाई बहन से दूर देश निवास करता है उन बहनों का रक्षा बन्धन का त्यौहार उनमना सा रहता है।
इसलिए बहन भाई का बड़ी उत्सुकता से आने का इन्तजार करती रहती है कि भैय्या मोरे राखी के बन्धन को निभाना...... भैय्या तेरी छोटी बहन को ना भुलाना.....
रक्षा बन्धन के पर्व पर लेखक की ढे़र सारी शुभकामनाएँ।
19-08-2024
 
इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
CAIIB (1975) - Retd. Banker
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