‘‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे
से.......
✍वासुदेव मंगल की कलम से.......
ब्यावर सिटी (राज.)
छायाकार - प्रवीण मंगल (मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर)
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5 सितम्बर 2024 को शिक्षक दिवस पर
विशेष
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शेक्षिक लेख - वासुदेव मंगल, ब्यावर
पहला संवादः गुरू की महिमा:- गुरू मार्गदर्शक होता है। दरअसल वर्तमान
में अध्ययन करने से है। जब संवाद द्वारा गुरू-शिष्य परस्पर विचार
विमर्श कर किसी प्रश्न पर गहराई से सोचते है तो इस सोच की क्रिया से
उत्तरोत्तर अभ्यास से दी हुई प्राब्लय का उत्तर मिल जाता है। अतः पठन
पाठन में संवाद की प्रक्रिया गौण होने से व कुन्जी के द्वारा हल समाधान
नहीं है। इस प्रक्रिया में न तो गुरू और न ही शिष्य समझ के कारक के
अभाव में पठन में निरूत्तर व अधूरे होते है। अतः संवाद अति आवश्यक घटक
है शिक्षक का अपने शिष्य के प्रति।
दूसराः नैतिक मूल्यों का विकास शिष्य में विकसित करना, शिक्षक को शिष्यों
को समाज की जिम्मेदारियाँ बताना। अगर ऐसा ज्ञान नहीं दिया जाता है तो
दोनों की बीच मजबूत रिश्ता नहीं बनाता है।
तीसराः सोशल मीडिया से दूरीः- तकनीक का उपयोग शिक्षा में इस प्रकार होना
चाहिए जिससे शिक्षक और विद्यार्थी के व्यक्तिगत संबंध प्रभावित नहीं
हो।
चौथाः स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा: शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षा
तनावमुक्त वातावरण मंे दें जिससे उनमें दिमागी विकास हो सके। दिये गए
प्रश्न में क्या-क्यों-कैसे का हल साधारण तौर पर समझाने के अभिप्रायः
से विद्यार्थियों को शिक्षण दें।
पांचवाँ: धैर्य से विचार साझा करे:- शिक्षक को विद्यार्थीयों को अपने
मन की बात को खुलकर रखने का मौका दिया जाना चाहिए। शिक्षक उनकी बात को
धैर्य से सुने और उनके स्तर पर जाकर अपने विचार साझा करें।
छठा: लचीली शिक्षण विधिः- शिक्षक को यह समझना चाहिए कि सभी विद्यार्थी
एक जैसे नहीं होत है। सबकी सामाजिक, आर्थिक पारिवारिक आदि दशाएँ अलग
अलग होती है। इसीलिए शिक्षा को एक लचीली शिक्षण विधि को अपनाना चाहिए।
दैनिक नन्दिनी में शिक्षण में पढ़ाएं जाने वाले प्राब्लम के कन्सेप्ट को
शिक्षक अच्छी तरह से समझकर घर से आये फिर स्कूल में उनसा निदान करे ताकि
विद्यार्थी सन्दर्भित प्रश्न को हल अच्छी तरह से आत्मसात कर सके।
पढ़ाई का ट्रेण्ड यह होना चाहिए तभी शिक्षा की सार्थकता है अन्यथा कदापि
नहीं।
जब तक दी हुई प्राब्लम या प्रश्न का बेसिक-कन्सेप्ट क्लीयर (स्पष्ट)
दिमाग में नहीं होगा तो उसका उत्तर खोजना असम्भव है। अतः प्रश्न के गूढ़
रहस्य को समझ कर ही शिक्षक विद्यार्थियों को तालीम दें।
आज शिक्षक दिवस पर तमाम गुरूजनों को लेखक का हार्दिक-अभिनन्दन देश के
ज्ञान की नींव आपके आधार पर टिकी हुई हैं बच्चों (विद्यार्थियों) के
ज्ञान दृष्टा आप ही हो इस बात का सामर्थ्य शिक्षक में भविष्य वक्ता के
रूप में होनी चाहिए। आज शिक्षक दिवस पर गुरूजनों को ढे़र सारी बधाई।
05-09-2024 |
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